Thursday 27 July 2017

➨ प्रसिद्ध हिन्दी कहावतें और मुहावरे | Hindi Idioms


➨ प्रसिद्ध हिन्दी कहावतें और मुहावरे | Hindi Idioms

1.     ऊपर-ऊपर बाबाजीभीतर दगाबाजी – बाहर से अच्छाभीतर से बुरा

2.     आप डूबे जग डूबा – जो स्वंय बुरा होता हैदूसरों को भी बुरा समझता है

3.     अधजल गगरी छलकत जाय – थोड़ी विद्याधन या बल होने पर इतराना

4.     हँसुए के ब्याह में खुरपे का गीत – बेमौका

5.     बकरे की माँ कब तक खैर मनायेगी – भय की जगह पर कब तक रक्षा होगी

6.     अंधों के आगे रोनाअपना दीदा खोना – निर्दयी या मूर्ख के आगे दु:खड़ा रोना बेकार होता है

7.     ओछे की प्रीत बालू की भीत – नीचों का प्रेम क्षणिक

8.     अपनी-अपनी डफलीअपना-अपना राग – परस्पर संगठन या मेल  रखना

9.     सत्तर चूहे खाके बिल्ली चली हज को – जन्म भर बुरा करके अन्त में धर्मात्मा बनना

10.बाँझ क्या जाने प्रसव की पीड़ा – जिसको दु: नहीं हुआ है वह दूसरे के दु: को समझ नहीं सकता

11.अपनी करनी पार उतरनी – किये का फल भोगना

12.कहे खेत कीसुने खलिहान की – हुक्म कुछ और करना कुछ और

13.आगे कुआँपीछे खाई – हर तरफ हानि का आशंका

14.सीधी उँगली से घी नहीं निकलता – सिधाई से काम नहीं होता

15.गाँव का जोगी जोगड़ाआन गाँव का सिद्ध – बाहर के व्यक्तियों का सम्मान, पर अपने यहाँ के व्यक्तियों की कद्र नहीं

16.आग लगन्ते झोंपड़ा जो निकले सो लाभ – नष्ट होती हुई वस्तुओं में से जो निकल आये वह लाभ ही है

17.दमड़ी की बुलबुलनौ टका दलाली – काम साधारणखर्च अधिक

18.ऊँट बहे और गदहा पूछे कितना पानी – जहाँ बड़ों का ठिकाना नहींवहाँ छोटों का क्या कहना

19.सब धान बाईस पसेरी – अच्छे-बुरे सबको एक समझना

20.एक अनार सौ बीमार – एक वस्तु को सभी चाहनेवाले

21.आये थे हरि-भजन को ओटन लगे कपास – करने को तो कुछ आये और करने लगे कुछ और

22.साँप मरे पर लाठी  टूटे – अपना काम हो जाय पर कोई हानि भी  हो

23.ईश्वर की मायाकहीं धूप कहीं छाया – कहीं सुखकहीं दु:

24.रोग का घर खाँसीझगड़े घर हाँसी – अधिक मजाक बुरा

25.आगे नाथ  पीछे पगहा – अपना कोई  होनाघर का अकेला होना

26.चूहे घर में दण्ड पेलते हैं – अभाव-ही-अभाव

27.पूछी  आछीमैं दुलहिन की चाची – जबरदस्ती किसी के सर पड़ना

28.घर में दिया जलाकर मसजिद में जलाना – दूसरे को सुधारने के पहले अपने को सुधारना

29.नक्कारखाने में तूती की आवाज – सुनवाई  होना

30.मान  मान मैं तेरा मेहमान – जबरदस्ती किसी के गले पड़ना

31.लेना-देना साढ़े बाईस – सिर्फ मोल-तोल करना

32.किसी का घर जलेकोई तापे – दूसरे का दु: में देखकर अपने को सुखी मानना

33.ताड़ से गिरा तो खजूर पर अटका – एक खतरे में से निकलकर दूसरे खतरे में पड़ना

34.पहले भीतर तब देवता-पितर – पेट-पूजा सबसे प्रधान

35.मार-मार कर हकीम बनाना – जबरदस्ती आगे बढाना

36.माले मुफ्त दिले बेरहम – मुफ्त मिले पैसे को खर्च करने में ममता  होना

37.उद्योगिनं पुरुषसिंहनुपैति लक्ष्मी – उद्योगी को ही धन मिलता है

38.काबुल में क्या गदहे नहीं होते – अच्छे-बुरे सभी जगह हैं

39.मियाँ-बीवी राजी तो क्या करेगा काजी – जब दो ​ व्यक्ति परस्पर किसी बात पर राजी हों तो दूसरे को इसमें क्या

40.नौ नगद तेरह उधार – अधिक उधार की अपेक्षा थोड़ा लाभ अच्छा

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