Friday 28 July 2017

➨ प्रसिद्ध हिन्दी कहावतें तथा लोकोक्तियाँ | Hindi Proverbs


➨ प्रसिद्ध हिन्दी कहावतें तथा लोकोक्तियाँ | Hindi Proverbs

1.     ऊधों का लेना  माधो का देना – लटपट से अलग रहना

2.     आधा तीतर आधा बटेर – बेमेल स्थिति

3.     आग लगाकर जमालो दूर खड़ी – झगड़ा लगाकर अलग हो जाना

4.     सारी रामायण सुन गयेसीता किसकी जाये (जोरू) - सारी बात सुन जाने पर साधारण सी बात का भी ज्ञान होना

5.     मन चंगा तो कठौती में गंगा – हृदय पवित्र तो सब कुछ ठीक

6.     अशर्फी की लूट और कोयले पर छाप – मूल्यवान वस्तुओं को नष्ट करना और तुच्छ को सँजोना

7.     कहाँ राजा भोज कहाँ भोजवा (गंगूतेली – छोटे का बड़े के साथ मिलान करना

8.     इतनी-सी जानगज भर ही जबान – छोटा होना पर बढ़-बढ़कर बोलना

9.     हंसा थे सो उड़ गयेकागा भये दीवान – नीच का सम्मान

10.भागते भूत की लँगोटी ही सही – जाते हुए माल में से जो मिल जाय वही बहुत है

11.अपना ढेंढर  देखे और दूसरे की फूली निहारे – अपना दोष  देखकर दूसरों का दोष देखना

12.गुरु गुड़ चेला चीनी – गुरु से शिष्य का ज्यादा काबिल हो जाना

13.हाथी चले बाजारकुत्ता भूँके हजार – उचित कार्य करने में दूसरों की निन्दा की परवाह नहीं करनी चाहिए

14.आँख का अंधा नाम नयनसुख – गुण के विरुद्ध नाम

15.देशी मुर्गीविलायती बोल – बेमेल काम करना

16.ईंट का जवाब पत्थर – दुष्ट के साथ दुष्टता करना

17.बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद – मूर्ख गुण की कद्र करना नहीं जानता

18.मँगनी के बैल के दाँत नहीं देखे जाते – मुफ्त मिली चीज पर तर्क व्यर्थ

19.आप भला तो जग भला – स्वयं अच्छे तो संसार अच्छा

20.चमड़ी जायपर दमड़ी  जाय – महा कंजूस

21.हाथ कांगन को आरसी क्या? – प्रत्यक्ष के लिए प्रमाण क्या

22.एक तो करेला आप तीता दूजे नीम चढ़ा – बुरे का और बुरे से संग होना

23.काला अक्षर भैंस बराबर – निरा अनपढ़

24.दमड़ी की हाँड़ी गयीकुत्ते की जात पहचानी गयी – मामूली वस्तु में दूसरे की पहचान

25.हाथी के दाँत दिखाने के औरखाने के और – बोलना कुछकरना कुछ

26.ओस चाटने से प्यास नहीं बूझती – अधिक कंजूसी से काम नहीं चलता

27.ऊँची दूकान फीका पकवान – बाहर ढकोसला भीतर कुछ नहीं

28.रस्सी जल गयी पर ऐंठन  गयी – बुरी हालत में पड़कर भी अभिमान  त्यागना

29.का बर्षा जब कृषि सुखाने – मौका बीत जाने पर कार्य करना व्यर्थ है

30.तेली का तेल जले और मशालची का सिर दुखे (धाती फाटे) –  खर्च किसी का हो और बुरा किसी और को मालू हो

31.बूड़ा वंश कबीर का उपजा पूत कमाल – श्रेष्ठ वंश में बुरे का पैदा होना

32.लूट में चरखा नफा – मुफ्त में जो हाथ लगेवही अच्छा

33.एक म्यान में दो तलवार – एक स्थान पर दो उग्र विचार वाले

34.ठठेरे-ठठेरे बदलौअल – चालाक को चालक से काम पड़ना

35. देने के नौ बहाने –  देने के बहुत-से बहाने

36.मेढ़क को भी जुकाम – ओछे का इतराना

37.ऊँट किस करवट बैठता है – किसकी जीत होती है

38.काठ की हाँड़ी दूसरी बार नहीं चढ़ती – कपट का फल अच्छा नहीं होता

39.मियाँ की दौड़ मस्जिद तक – किसी के कार्यक्षेत्र या विचार शक्ति का सीमित होना

40.नाच  जाने आँगन टेढ़ा – खुद तो ज्ञान नहीं रखना और सामग्री या दूसरों को दोष देना

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